SOLAR AATA CHAKKI
Solar Atta Chakki
Solar-powered flour mills are a sustainable and environmentally friendly alternative to conventional mills that rely on grid electricity or non-renewable energy sources. These mills typically incorporate solar panels to harness sunlight and convert it into electrical energy, which is then used to power the grinding mechanism for milling grains.
सोलर आटा चक्की का रोजगार बहुत ही फायदेमंद रोजगार बन रहा है !
हमारे देश मे चक्की का व्यापार काफी लंबे समय से लाखों लोगों को रोजगार देता आया है और करोड़ों लोगो के खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जिम्मेदारी आटा चक्की पर होती है। लेकिन समय के साथ बढ़ रही डीजल और बिजली की महँगाई ने इस व्यापार को मंदा बना दिया है, जिसके कारण बहुत से लोग अपने चक्की के व्यापार को छोड़ दूसरे रोजगार की तरफ जाने लगे है, लेकिन एक तरफ जहाँ लोग महँगाई से परेशान होकर अपना रोजगार बदलने की सोच रहे थे वही दूसरी तरफ 3i Energy Solutions इस समस्या का हल ढूढने में लगी थी, और उन्होंने इसका एक बेहद भरोसेमंद टिकाऊ हल निकाला, जिससे अब आटा चक्की का रोजगार करने वाले भाई बंधु फिर से महँगाई के मार से बाहर आकर मुनाफे का रोजगार बना पाएंगे, तो आइये समझते है आटा चक्की के रोजगार से जुड़ी हर एक कड़ी –
आटा चक्की रोजगार के क्या फ़ायदे है :
हमारे देश मे करोडों लोगो को खुद से गेंहू साफ करके ताजा पिसा हुये आटा की रोटी खाना बहुत पसंद है साथ मे सरसो या अन्य तिलहन वाले अनाज की पेराई कराकर शुद्ध तेल में खाना खाना भी पसंद है, जो चक्की के रोजगार को एक सफल व्यवसाय बनाता है। अगर आज के समय की बात करे तो लोग मुख्यतः चक्की चलाने के लिए डीजल या बिजली का प्रयोग करते है। चक्की का रोजगार उन लोगो के लिये भी सबसे अच्छा होता है जो अपने गांव या घर पर रहकर परिवार के साथ समय बिताना चाहते है, साथ मे अपने खेती बाड़ी का भी देखभाल करना चाहते है। डीजल इंजन से चक्की चलाने में क्या क्या समस्या आ रही है ? समय के साथ डीजल के दामों में काफी उछाल आया है, जिससे डीजल इंजन से पिसाई कर रहे चक्की और तेल मिल के व्यापारी भाइयों का मुनाफा कम होता जा रहा है, और पिसाई एवं पेराई का दाम भी बढ़ाना पड़ता है जिससे आम आदमी के जेब पर भी भारी असर पड़ता है और इसकी वजह से दिन प्रतिदिन ग्राहक भी कम होते जाते हैं। प्रतिदिन डीजल को लेने जाने के लिए समय और भाड़ा भी देना पड़ता है, समय समय पर डीजल की इंजन की सर्विस करवाना और अगर इंजन ख़राब हो गया तो उसको बनवाना और ऐसे में कई दिनों तक व्यापार ठप हो जाना भी एक बहुत बड़ा समस्या है। बिजली से चक्की चलाने में क्या क्या समस्या आ रही है ? अगर बात करे उनकी जो बिजली से चक्की चला रहे, तो उन्हें कमर्शियल बिजली का कनेक्शन लेना पड़ता है जिससे उनका महीने का बिजली का बिल (High Electricity Bill) बहुत अधिक आता है , ऊपर से बिजली की असमय कटौती एक बहुत बड़ा समस्या का कारण बन जाता है. उद्धाहरण से समझे तो सुरेश जी,जो बिजली से अपनी आटा चक्की का काम करते थे , उनके यहां कभी बिजली दिन में तो कभी रात में आती थी जिससे उनको मध्य रात्रि में बिजली आने पर काम करना पड़ता था। समय पर नीद पूरी नहीं होने के कारण उनके साथ उनके परिवार वालो के सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता था , साथ में उनके बच्चे रात के चक्की के होने वाले शोर की वजह से सो नहीं पाते थे जिससे उनको स्कूल में नीद आती थी और पढ़ाई नहीं कर पाते थे। और बिजली की अनियमता के कारण सुरेश जी अपने घर के बाकि कामों पर समय नहीं दे पाते थे जिससे उनकी फसल भी सही से नहीं होती थी और अगर कुछ दिन के लिए बिजली ख़राब हो गई तो उनका व्यापार रुक जाता था. सोलर आटा चक्की क्या है और कैसे है फायदेमंद ?? जब हम अपने नार्मल आटा चक्की को डीजल या बिजली की जगह सोलर से चलाते है तो उसे सोलर आटा चक्की (Solar Aata Chakki) कहते है।
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